चारागो को बुझालो और अंधेरा बनालो .

चारागो को बुझालो और अंधेरा बनालो ,
में उजलता रहूंगा जरा मुझे आजमालो ।

कितना भी थमालो, कितना भी बचालो,
वक्त की तरह फिसलता रहूंगा मुझे आजमालों ।

चाहे घर जलादो या बस्तियां मिटालो ,
हर बार उभरता रहूंगा मुझे आजमालो ।

चाहे उजाला मिटादो या शब बुलालो,
हर सुबह निकलता रहूंगा मुझे आजमालो ।

कितना भी हरालो या सतालो ,
फिर भी जीतता रहूंगा मुझे आजमालों ।

मेरे उजालों, जहन के ख्वाबों खयालो ,
में चमकता रहूंगा मुझे आजमालों ।……..NK

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